यह घटना सामाजिक भेदभाव और हिंसा से जुड़ी है, जो भारत में मानवाधिकारों के उल्लंघन का एक गंभीर मुद्दा बनती है।
घटना का विवरण:
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह हमला जातिगत आधार पर हुआ था, जिसमें एक छात्र को निशाना बनाया गया। इस तरह की घटनाएँ अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत अपराध मानी जाती हैं। NHRC ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक (DGP) और तूतीकोरिन के जिला कलेक्टर से विस्तृत रिपोर्ट माँगी है। आयोग ने यह भी पूछा है कि इस घटना के दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है और पीड़ित को क्या सहायता प्रदान की गई है।
प्रमुख बिंदु-
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने तमिलनाडु के थूथुकुडी जिले में अनुसूचित जाति के छात्र पर हुए हमले का स्वत: संज्ञान लिया है।
- आयोग ने पाया कि यह घटना पीड़ित छात्र के मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है।
- एनएचआरसी ने तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक और थूथुकुडी के जिला कलेक्टर को नोटिस जारी किया है और चार सप्ताह के भीतर मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
- मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 12 मार्च, 2025 को उच्च जाति के कुछ लड़कों ने एक बस में अनुसूचित जाति के ग्यारहवीं कक्षा के छात्र पर हमला किया।
- अपराधियों ने छात्र को बस से बाहर खींच लिया और उस पर दरांती से हमला किया, जिससे उसके बाएं हाथ की उंगलियां कट गईं।
- पीड़ित के पिता ने जब हस्तक्षेप करने की कोशिश की तो अपराधियों ने उन पर भी हमला किया।
- हमले के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए।
- छात्र को इलाज के लिए तिरुनेलवेली सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने सात घंटे की सर्जरी के बाद उसकी उंगलियां फिर से जोड़ दीं।
NHRC की भूमिका:
NHRC भारत में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण संस्था है। यह स्वत: संज्ञान तब लेता है, जब कोई घटना मीडिया या अन्य स्रोतों से सामने आती है और मानवाधिकारों का उल्लंघन स्पष्ट दिखता है। इस मामले में, आयोग का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि पीड़ित को न्याय मिले और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।