डोनाल्ड ट्रंप ने लगाया 25 प्रतिशत ऑटो टैरिफ,भारतीय ऑटो सेक्टर की कई कंपनियों पर असर

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डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अमेरिका में आयातित वाहनों और ऑटो पार्ट्स पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा से भारतीय ऑटो सेक्टर की कई कंपनियों पर असर पड़ सकता है। यह टैरिफ 2 अप्रैल 2025 से लागू होगा और विशेष रूप से उन कंपनियों को प्रभावित करेगा जो अमेरिकी बाजार में वाहन या ऑटो कंपोनेंट्स निर्यात करती हैं। नीचे कुछ प्रमुख भारतीय कंपनियों का उल्लेख है जिनके शेयरों पर इसका असर दिख सकता है:

  1. टाटा मोटर्स: टाटा मोटर्स की सब्सिडियरी जगुआर लैंड रोवर (JLR) अमेरिकी बाजार में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखती है। इस टैरिफ से JLR की बिक्री और मुनाफे पर असर पड़ सकता है, जिसके चलते टाटा मोटर्स के शेयरों में गिरावट देखी जा सकती है। 27 मार्च 2025 को शेयर बाजार में इसके शेयर पहले ही 6-7% तक लुढ़क चुके हैं।
  2. महिंद्रा एंड महिंद्रा: यह कंपनी अमेरिका में ऑफ-रोड वाहन और ट्रैक्टर जैसे उत्पादों का निर्यात करती है। टैरिफ से इसकी लागत बढ़ सकती है, जिसका असर इसके शेयरों पर हो सकता है। हालांकि, इसका प्रभाव टाटा मोटर्स की तुलना में कम हो सकता है।
  3. आयशर मोटर्स: आयशर मोटर्स, जो रॉयल एनफील्ड मोटरसाइकिल बनाती है, अमेरिकी बाजार में अपनी मौजूदगी बढ़ा रही है। टैरिफ से इसकी निर्यात लागत प्रभावित हो सकती है, जिससे शेयरों पर दबाव पड़ सकता है।
  4. ऑटो कंपोनेंट निर्माता:
    • संवर्धन मदरसन: यह ऑटो पार्ट्स की बड़ी सप्लायर है और अमेरिका को बड़े पैमाने पर निर्यात करती है। टैरिफ से इसकी लागत और मार्जिन पर असर पड़ सकता है, जिसके चलते इसके शेयरों में 7-8% की गिरावट दर्ज की गई है।
    • सोना BLW प्रिसिजन फोर्जिंग्स: यह कंपनी भी अमेरिकी बाजार में ऑटो कंपोनेंट्स की आपूर्ति करती है। टैरिफ से इसके शेयरों पर नकारात्मक प्रभाव संभव है।
    • भारत फोर्ज: ऑटो पार्ट्स और फोर्जिंग में अग्रणी इस कंपनी का अमेरिकी निर्यात प्रभावित हो सकता है, जिससे इसके शेयरों में 4-5% की गिरावट देखी गई।
  5. अशोक लेलैंड: यह कंपनी मुख्य रूप से वाणिज्यिक वाहन बनाती है और अमेरिकी बाजार में सीमित उपस्थिति रखती है। फिर भी, टैरिफ से इसके कुछ निर्यात प्रभावित हो सकते हैं, जिसका असर इसके शेयरों पर हल्का हो सकता है।

प्रभाव का विश्लेषण

  • प्रत्यक्ष असर: टाटा मोटर्स और ऑटो कंपोनेंट निर्माताओं जैसे संवर्धन मदरसन और भारत फोर्ज पर सबसे अधिक असर होगा, क्योंकि ये कंपनियां अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं।
  • अप्रत्यक्ष असर: महिंद्रा, आयशर मोटर्स और अशोक लेलैंड जैसी कंपनियों पर प्रभाव सीमित हो सकता है, लेकिन वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव और लागत वृद्धि से इनके शेयरों में अस्थिरता आ सकती है।
  • बाजार की प्रतिक्रिया: 27 मार्च 2025 को भारतीय शेयर बाजार में ऑटो सेक्टर के शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई, जिसमें निफ्टी ऑटो इंडेक्स 0.7-1% तक गिरा।

ट्रंप के इस टैरिफ से भारतीय ऑटो कंपनियों की लागत बढ़ेगी और अमेरिकी बाजार में उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता पर असर पड़ सकता है। निवेशकों के लिए यह जरूरी है कि वे इन कंपनियों के शेयरों में निवेश से पहले उनके अमेरिकी निर्यात पर निर्भरता और दीर्घकालिक रणनीति को समझें। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि भारत इस स्थिति का फायदा उठाकर अन्य बाजारों में अपनी स्थिति मजबूत कर सकता है।

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