स्कीम के पहले चरण में 1,27,000 इंटर्नशिप अवसर उपलब्ध कराए गए दूसरे चरण में यह संख्या करीब 1,15,000 रही।
कॉर्पोरेट मामले के मंत्रालय इस साल सितंबर तक प्रधानमंत्री इंटर्नशिप स्कीम का पूर्ण रूप से लांच कर सकता है यह निर्णय मौजूद पायलट प्रोग्राम से मिली सिखों के आधार पर लिया जाएगा। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया अब से 5 6 महीना में स्कीम को विविध विधिवत लॉन्च किया जा सकता है। पायलट से हमें काफी अहम जानकारियां और अनुभव मिले हैं यह पायलट स्कीम 3 अक्टूबर 2024 को शुरू की गई थी पूर्ण स्कीम की शुरुआत के लिए मंत्रालय को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी लेनी होगी।
बजट आवंटन रुपए 380 करोड़ से बढ़कर 10,831.07 करोड़
वित्त वर्ष 2025 26 के केंद्रीय बजट में इस स्कीम के लिए आवंटन को संशोधित अनुमान रुपए 380 कोड से बढ़कर रुपए 10831.07 करोड़ कर दिया गया है। यह स्कीम युवाओं की रोजगार बढ़ाने के उद्देश्य शुरू की गई।
स्कीम के पहले चरण में 1,27,000 से अधिक इंटर्नशिप के अवसर उपलब्ध कराए गए थे जबकि दूसरे चरण में यह संख्या करीब 1,15,000 रही। दिसंबर 2024 से अब तक 28,000 से अधिक चयनित उम्मीदवारों में से केवल 8700 ने स्कीम के तहत इंटर्नशिप शुरू की है। यह जानकारी संसद की एक स्थाई समिति की रिपोर्ट में दी गई है।
स्क्रीन के पायलट के दूसरे चरण के लिए आवेदन प्रक्रिया जारी है। हाल में ही प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि आवेदन की अंतिम तिथि 15 अप्रैल है।
संसदीय समिति ने उठाए अहम मुद्दे
संसदीय पैनल ने स्कीम से जुड़ी कई समस्याओं की ओर ध्यान दिलाया जैसे इंटर्नशिप के अवसरों को और वास्तविक भागीदारी के बीच अंतर में लैंगिक असमानता और फंड का कम उपयोग।
अब तक इस स्कीम को एंट्रेंस किस अपेक्षित प्रक्रिया नहीं मिली है इसका एक बड़ा कारण स्थान और इंटर्नशिप की अवधि को माना गया है।
एमसीए ने समिति को बताया की लोकेशन एक अहम मुद्दा है और आदर्श यात्रा दूरी एंट्रेंस के लिए 5 से 10 किलोमीटर के बीच होना चाहिए। इसके अलावा इंटर्नशिप की लंबी अवधि उम्मीदवारों की रुचियां और पेश की गई भूमिकाओं के बीच संगति और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों व पॉलिटेक्निक छात्रों के लिए आयु सीमा घटाने की मांग भी स्कीम में काम भागीदार के रूप में कर्म में शामिल है।